Jal Shakti Abhiyan 2024: क्या है और इसके लाभ व पात्रता?

परिचय

जल शक्ति अभियान (JSA) जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 2019 में प्रारंभ किया गया एक प्रमुख अभियान है, जिसे विशेष रूप से जल-संकटग्रस्त जिलों में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। इस अभिनव पहल का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करना है, जहां जल के संसाधन निरंतर घटते जा रहे हैं। पहले चरण में JSA को 256 जल-संकटग्रस्त जिलों और 1,592 ब्लॉकों में लागू किया गया, जिनमें जल संकट गंभीर रूप से प्रभावित था।

इस अभियान के विभिन्न पहलुओं ने ‘कैच द रेन’ जैसे नारे के माध्यम से जनता को जल संरक्षण के महत्व को समझाने में मदद की है। ‘कैच द रेन’ का मूलधार जल संधारण और जल संचयन को अधिकतम करने पर केंद्रित है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो वर्षा पर निर्भर होते हैं।

जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों को मिलकर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इस अभियान में सामुदायिक सहभागिता को महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इसमें उन लोगों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है जो प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं। जल शक्ति अभियान के तहत विभिन्न रचनात्मक और संरचनात्मक उपाय किए गए हैं जैसे वृक्षारोपण, पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार, जल संचयन संरचनाओं की स्थापना, और जल-गोंद बनाने की प्रक्रिया आदि।

परिणामस्वरूप, इस अभियान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जल संरक्षण और जल संधारण के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम लाने में। जल शक्ति अभियान ने न केवल जल संकट का स्थाई समाधान प्रदान किया है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता को भी प्रोत्साहित किया है। जल शक्ति अभियान ने यह स्पष्ट रूप से दर्शाया है कि संगठित और चयनात्मक प्रयासों से जल समस्या का समाधान किया जा सकता है।

जल शक्ति अभियान (Jal Shakti Abhiyan) का इतिहास 2020 में महत्वपूर्ण तौर पर प्रभावित हुआ, जब कोविड-19 महामारी ने पुरे देश को अपनी चपेट में ले लिया। अभियान को उस वर्ष आरंभ करने की योजना थी, लेकिन महामारी के अभूतपूर्व परिस्थितियों ने इसे असंभव बना दिया। इसके बावजूद, जल संरक्षण और प्रबंधन की आवश्यकता और महत्व को ध्यान में रखते हुए, ‘कैच द रेन’ (Catch the Rain) अभियान की शुरुवात की गई।

‘कैच द रेन’ का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल का अधिकतम संचयन करना था। इस अभियान के तहत, ‘catch the rain, where it falls, when it falls’ के नारे के साथ, जन जागरूकता और सहभागिता को बढ़ावा दिया गया। समुदायों को उनके स्थानीय जल संसाधनों का प्रबंधन करने और जल संचयन के महत्व को समझाने के लिए प्रेरित किया गया।

2021 में समय के साथ स्थिति में सुधार हुआ और जल शक्ति अभियान को सभी जिलों में व्यापक रूप से लागू किया गया। कोविड-19 प्रतिबंधों के शिथिल पड़ने के बाद, इस अभियान को नए उत्साह और ऊर्जा के साथ पुनः प्रारंभ किया गया। इसे एक वार्षिक विशेषता के रूप में माना गया और इसके अंतर्गत कई गतिविधियों को योजनाबद्ध तरीके से संचालित किया गया।

जल शक्ति अभियान का मकसद विभिन्न जल संरक्षण व पुनर्भरण गतिविधियों को बढ़ावा देना और पानी के महत्व की जानकारी जनता तक पहुंचाना है। कैच द रेन की अवधारणा को इस अभियान में खास रूप से स्थान मिला, जिससे कि जल संचयन के प्रयासों को और भी कारगर बनाया जा सके।

जल शक्ति अभियान और ‘कैच द रेन’ जैसे अभियानों के माध्यम से सरकार ने जल संकट से निपटने के महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, और यह सुनिश्चित किया है कि जल का संरक्षण व प्रबंधन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया के रूप में पहचान बना सके।

जल शक्ति अभियान 2024, विशेषकर ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’, को 9 मार्च 2024 से 30 नवंबर 2024 तक लागू किया जाएगा। इस वर्ष का थीम ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ सुनिश्चित करेगा कि जल संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रमुखता दी जाए। ‘जल शक्ति अभियान’ का उद्देश्य जल संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जल सरंक्षण तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी जैसे कि वर्षा जल संचयन, क्याचमेंट एरिया ट्रीटमेंट, वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण और जल संचयन की अन्य विधियाँ। इस बार के अभियान में सरकार की विशेष योजना है कि महिला संगठनों और समूहों को शामिल कर उन्हें जल संरक्षण के प्रति शिक्षित और प्रेरित करना।

अभियान की एक मुख्य विशेषता यह है कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी, और महिला स्वयं सहायता समूहों को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इन महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे प्रभावी रूप से जल संरक्षण तकनीकों को अपनाएं और अपनी समुदायों में इसे लागू कर सकें।

उल्लेखनीय है कि जल शक्ति अभियान के पिछले फेज़ में जिन क्षेत्रों में अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं, वहां अब इन मॉडलों को दोबारा लागू किया जाएगा। पूरे अभियान के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों और निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

समग्रता में, जल शक्ति अभियान 2024 का थीम ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ केवल एक नारियल नहीं बल्कि सशक्तिकरण और समावेशन का प्रतीक है। यह प्रयोगात्मक दृष्टिकोण देशभर के तालाबों, नहरों, और कुओं को पुनर्जीवित करने में सहायक साबित होगा, जिससे जल संसाधन का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्य उद्देश्य

जल शक्ति अभियान 2024, जिसे जल शक्ति अभियान या जल शक्ति अभियान 2.0 के नाम से भी जाना जाता है, का प्राथमिक उद्देश्य पानी की सुरक्षा और उसके सतत उपभोग को सुनिश्चित करना है। इस पहल के पांच प्रमुख उद्देश्य या प्राथमिक घटक हैं, जो जल विज्ञान और पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण आयामों को कवर करते हैं।

जल संधारण और वर्षा जल संचयन

पहला और अहम उद्देश्य जल संधारण और वर्षा जल संचयन है। ‘कैच द रेन’ के तहत, बारिश के प्रत्येक बूंद को संग्रहित करने पर जोर दिया गया है। इससे न केवल भूजल स्तर बढ़ेगा बल्कि सिंचाई और अन्य जरूरतों के लिए भी पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध होगी।

जल निकायों की गिनती और भू-टैगिंग

दूसरा उद्देश्य जल निकायों की गिनती और भू-टैगिंग करना है। यह कदम देशभर में उपलब्ध जल निकायों की पहचान और निगरानी को आसान बनाता है। इसे डिजिटल तरीके से संगठित करके, जल प्रबंधन को अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाया जा सकेगा।

जल शक्ति केंद्रों की स्थापना

तीसरा उद्देश्य जल शक्ति केंद्रों की स्थापना है। ये केंद्र जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने और स्थानीय समुदायों को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये केंद्र जनसाधारण को जल संधारण की नवीनतम तकनीकों, जलस्रोतों के पुनर्निर्माण और संरक्षण के उपाय सिखाते हैं।

विस्तारित वनावरण

चौथा उद्देश्य व्यापक वनावरण है। वृक्षारोपण और वन संरक्षण को बढ़ावा देने के माध्यम से, जल शक्ति अभियान पर्यावरणीय संतुलन और जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायता करता है। पेड़ न केवल भूमिगत जलस्तर को बनाए रखने में सहायक होते हैं बल्कि पर्यावरण को भी संवारते हैं।

जागरूकता का प्रसार

पांचवा उद्देश्य जागरूकता का प्रसार है। समाज के विभिन्न वर्गों को जल संरक्षण और इसके महत्व के प्रति जागरूक करना, जल शक्ति अभियान का हिस्सा है। सामुदायिक पहल, स्कूल व कॉलेज कार्यक्रम, और अनेक अन्य प्लेटफार्मों पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

विशेष फोकस क्षेत्र

जल शक्ति अभियान 2024 के अंतर्गत इस बार विशेष रूप से कुछ फोकस क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक प्रमुख फोकस क्षेत्र जल निकायों की सफाई और डिजल्टिंग है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जल निकाय स्वच्छ और सजीव रहें ताकि पीने योग्य पानी की उपलब्धता में वृद्धि हो सके। सफाई अभियान के तहत तालाबों, झीलों और नहरों की सतही सफाई तथा तलछट हटाने का कार्य किया जा रहा है जिससे उनकी जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि हो सके।

एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र निष्क्रिय बोरवेल का पुनर्जीवित करना है। पुराने और निष्क्रिय बोरवेल जो अनउपयोगी हो गए हैं, उन्हें पुनः सक्रिय बनाने हेतु मरम्मत और मेंटेनेंस किया जा रहा है। इससे भूजल पुनर्भरण में सहयोग मिलेगा और जल संकट की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।

इसके साथ ही जल निकायों का भू-टैगिंग भी एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र है। भू-टैगिंग के माध्यम से जल निकायों का सटीक स्थान और उनके प्रमुख डेटा का डिजिटल रिकॉर्ड बनाना संभव हो पाया है। इससे योजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता आती है।

कैचमेंट क्षेत्रों में वनावरण बढ़ाने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। वनावरण बढ़ाने से जलवायु संतुलन और जल संरक्षण दोनों को प्रोत्साहन मिलता है। वनावरण से जलधाराओं का संरक्षण होता है और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव में भी मदद मिलती है।

हिमाचल क्षेत्रों में स्नो हार्वेस्टिंग को लागू करना भी जल शक्ति अभियान का एक अहम हिस्सा है। स्नो हार्वेस्टिंग के माध्यम से पिघलती बर्फ को संग्रहीत कर उसका उपयोग सिंचाई और पेयजल के रूप में किया जाता है। यह विधि विशेष रूप से उस क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही है जहां पानी की किल्लत अधिक होती है।

पहुँच और प्रभाव

2023 में जल शक्ति अभियान (जल शक्ति अभियान – कैच द रेन 2023) का थीम ‘पेयजल के लिए स्रोत स्थिरता’ था, जो पानी की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया था। इस अभियान ने देश के 150 जिलों में ध्यान केंद्रित किया, जो पानी की समस्या से अधिक प्रभावित थे। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करना और स्थानीय स्तर पर स्थायी जल स्रोतों की स्थापना करना था।

जल शक्ति अभियान के प्रभाव को विस्तृत और सशक्त बनाने हेतु विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई। सरकारी संस्थाएं, जैसे ग्राम पंचायतें, नगर निगम और जिला पंचायतें, इस अभियान का हिस्सा बनीं। निजी संस्थाओं में NGOs, स्थानीय समुदाय संगठनों और कॉर्पोरेट घरेलू इकाइयों की सक्रिय भागीदारी ने इस अभियान को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस अभियान के तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं, जिनमें वृक्षारोपण अभियानों से लेकर बारिश के पानी को संचित करने के तरीकों का प्रचार शामिल है। स्थानीय स्तर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों ने समाज के सभी तबकों, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक, अभियान की जानकारी पहुँचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

नहीं केवल जल संरक्षण, बल्कि जल शक्ति अभियान ने पारिस्थितिकी तंत्र को भी बनाए रखने में सकारात्मक प्रभाव डाला है। स्थायी पानी स्रोतों की स्थपना से खेतों और जंगलों को पर्याप्त जल मिल पाता है, जिससे कृषि और पर्यावरण पर एक सकारात्मक असर पड़ता है। संयुक्त प्रयासों और संगठनात्मक एकता की वजह से जल शक्ति अभियान 2023 को व्यापक रूप से सफल माना गया और इससे भविष्य के अभियानों की नींव मज़बूत हुई।

इस अभियान के लाभ

जल शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संसाधनों को संरक्षित करना और उनके बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित करना है। इस अभियान के तहत पेयजल की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाएँ और परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं। इसका एक प्रमुख लाभ यह है कि यह जलजनित रोगों को कम करता है और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है।

भूमिगतर जल स्तर में वृद्धि भी जल शक्ति अभियान के महत्वपूर्ण लाभों में से एक है। बारिश के पानी को संचित करने और पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण करने से, भूजल के स्तर को स्थिरता प्रदान की जा सकती है। इससे न केवल पेयजल की संकट को कम किया जा सकता है, बल्कि कृषि गतिविधियों को भी स्थायित्व मिलता है। कैच द रेन का नारा इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है, ताकि बरसात के जल का उचित तरीके से संधारण हो सके।

कृषि उत्पादन में वृद्धि भी इस अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। बेहतर जल संसाधन प्रबंधन से कृषि योग्य भूमि की जल आपूर्ति में सुधार होता है। इससे फसलों की उपज और गुणवत्ता में वृद्धि होती है, जो देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।

अन्य प्रमुख लाभों में जल संधारण संरचनाओं का निर्माण शामिल है। इसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह न केवल जल संसाधनों को संरक्षित करता है, बल्कि जीवविज्ञानिक विविधता को भी संरक्षित करता है। समाज के विभिन्न वर्गों में जल संसाधनों की समान उपलब्धता सुनिश्चित करने से सामाजिक संतुलन और विकास को प्रोत्साहन मिलता है। इस प्रकार, जल शक्ति अभियान 2024 का व्यापक लाभान्वित प्रभाव पूरे समाज और पर्यावरण पर प्रत्यक्ष रूप से महसूस किया जा सकता है।

जल शक्ति अभियान (JSA) 2024 में सहभागिता और पात्रता को लेकर विभिन्न स्तरों पर व्यापक चिंतन और योजना बनाई गई है। इस अभियान में भागीदारी के लिए राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), और आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। जल शक्ति अभियान का उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करना है, जिसे बिना सामूहिक सहयोग के पूरा करना असंभव है।

रबी और खरीफ के मौसमों में जल की मांग को पूरा करने और जल चिन्हांकित करने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत विभिन्न स्तरों पर स्थानीय सामुदायिक संगठनों की सहायता ली जाएगी। प्रत्येक राज्य सरकार अपनी विशिष्ट योजनाओं और आवश्यकताओं के अनुसार जल शक्ति अभियान के तहत बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित करेगी।

महिलाओं की भूमिका इस अभियान में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी गई है। जल शक्ति अभियान 2024 में महिला सशक्तिकरण पर भी ज़ोर दिया जाएगा। जल संरक्षण कार्यों, जैसे कि जल संचयन और सूखे प्रबंधन, में महिलाओं की बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी। इससे न केवल महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि जल संरक्षण कार्यों की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता भी बढ़ेगी।

गांवों और शहरों के निवासी भी इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। “कैच द रेन” जैसी पहल के तहत आम नागरिकों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे अपने घरों और समुदायों में वर्षा जल का संचयन कर सकें। इसके लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसने लोगों को जल संरक्षण की महत्ता के बारे में शिक्षित किया जाएगा।

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