Electric Mobility Promotion Scheme 2024: EMPS इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम क्या है और इसका लाभ कैसे लें?

परिचय

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS) एक अभिनव सरकारी योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाना और पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहन से उत्पन्न प्रदूषण को कम करना है। इस योजना का प्रारंभिक उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदते समय नागरिकों को प्रोत्साहन देना और आवश्यक सब्सिडी प्रदान करना है। इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना के माध्यम से, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अधिक से अधिक लोग पर्यावरण-मित्रवत वाहनों का उपयोग करें।

यह योजना पहले की योजनाओं के आधार पर तैयार की गई है, लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। पिछले वर्ष की योजनाओं में सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वे पर्याप्त प्रोत्साहनों और जागरूकता की कमी से जूझ रही थीं। इसके अतिरिक्त, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी एक बड़ी बाधा साबित हुई थी। इस बार, Electric Mobility Promotion Scheme 2024 इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है।

EMPS के अंतर्गत, मुख्यतः ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। साथ ही, निजी और सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं। इस योजना का उद्देश्य न केवल वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन उद्योग में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करना है।

इस योजना को लागू करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और दीर्घकालिक स्थायित्व है। पेट्रोल और डीजल पर आधारित वाहनों से उत्पन्न होने वाला कार्बन उत्सर्जन हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी आएगी, और यह हमारे भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करेगा।

पिछली योजनाएँ: FAME 2 की समाप्ति

भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) 2 योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके घटकों की स्वदेशी मांग को बढ़ावा देना था। FAME 2 ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सीधी सब्सिडी प्रदान कर उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया।

FAME 2 योजना के तहत व्यापारिक और निजी क्षेत्र को कई महत्वपूर्ण लाभ दिए गए थे। इसमें इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चारपहिया वाहनों पर वित्तीय सहायता शामिल थी। योजना ने एक व्यापक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिसमें सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए भारी निवेश शामिल था। इसके परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल में आर्थिक लाभ और ईंधन खर्च में कमी मिली।

31 मार्च, 2024 को FAME 2 योजना की समाप्ति निर्धारित है। इसका प्रमुख कारण योजना के लक्ष्यों की प्राप्ति और आगामी ‘इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम’ (EMPS या इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना) का कार्यान्वयन है। नई योजना का उद्देश्य FAME 2 के उद्देश्यों को और भी प्रभावी तरीके से लागू करना है, जिससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को मजबूती मिले।

FAME 2 की समाप्ति के बाद, उपभोक्ता और निर्माता अब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 के तहत नए लाभ और प्रोत्साहनों की उम्मीद कर सकते हैं। यह नई योजना पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार तकनीकों को बढ़ावा देने और केंद्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता करेगी।

EMPS 2024 का अवलोकन

EMPS 2024, जिसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के नाम से भी जाना जाता है, एक नवाचारी सरकारी उपाय है, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के उपयोग को प्रोत्साहित करना है। इस योजना की मुख्य विशेषताओं में इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद पर सब्सिडी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, और इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े उद्योगों को भी सहायता प्रदान करना शामिल है।

EMPS 2024 की प्रमुख उद्देश्यों में पर्यावरण संरक्षण, आयातित ईंधन पर निर्भरता कम करना, और शहरी प्रदूषण को घटाना शामिल है। यह योजना न केवल ऑफर के अंतर्गत EVs की खरीदारी को सस्ता और सुलभ बनाती है, बल्कि चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाकर सार्वजनिक उपयोग को भी आसान बनाती है। इसके साथ ही, इस योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की कर रियायते और लाभ भी शामिल हैं जो उपभोक्ताओं और निर्माताओं दोनों के लिए अनुकूल होते हैं।

EMPS 2024 को इसके पूर्ववर्ती योजनाओं से अलग बनाता है इसकी व्यापक संरचना और समर्पित प्राथमिकताएं। पहले की योजनाओं में सिर्फ वाहन खरीदने पर सब्सिडी दी जाती थी, जबकि EMPS 2024 समग्र इकोसिस्टम का ध्यान रखती है। इसके तहत ज़्यादा सब्सिडी, नई तरह की चार्जिंग सुविधाएं और बुनियादी ढांचे का मजबूत प्रबंधन किया गया है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के शहरों में EVs को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।

इस प्रकार, Electric Mobility Promotion Scheme 2024 व्यापक दृष्टिकोण और दीर्घकालिक रणनीति के माध्यम से इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना को एक नया आयाम देती है, जिससे टिकाऊ और स्वच्छ परिवहन के उद्देश्य को समीप लाया जा सके। यह योजना टेक्नोलॉजिकल और इकोलॉजिकल दोनों ही दृष्टिकोण से भारत को एक उन्नत स्तरीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी परिदृश्य की दिशा में प्रेरित करती है।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी का प्रमुख उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस स्कीम के तहत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी की मुख्य विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से विभिन्न श्रेणियों के लाभार्थियों पर केंद्रित है। वाहन चलाने वालों को यह सब्सिडी विशेष छूट और वित्तीय सहायता के रूप में दी जाती है, जिससे उनकी लागत काफी कम हो जाती है।

सब्सिडी का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक दृष्टिकोण से फायदेमंद है। इसके अंतर्गत दो पहिया और तीन पहिया वाहनों को विशेष प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि ये वाहन अधिकतर आम जनता द्वारा उपयोग किए जाते हैं और छोटे-बड़े शहरों में इनकी पहुंच अधिक होती है। इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सब्सिडी को कई स्तरों में बांटा गया है, जो कि वाहन की श्रेणी और तकनीकी विशिष्टताओं पर निर्भर करता है।

दो पहिया वाहनों के लिए, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के तहत अधिकतम सब्सिडी प्रदान की जाती है ताकि आम जनता इनका उपयोग आसानी से कर सके। यह स्कीम खासतौर पर उन लोगों के लिए अधिक लाभकारी है जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके लिए परिवहन के नियमित साधनों का उपयोग हमेशा संभव नहीं होता। इसी प्रकार, तीन पहिया वाहनों के लिए भी सब्सिडी का प्रावधान है, जो छोटे व्यवसायों और ऑटोरिक्शा चालकों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी योजना के तहत विभिन्न लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपनी परिवहन लागत को कम कर सकते हैं। छोटे व्यवसाय, छात्र, और मध्यमवर्गीय परिवार भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस प्रकार, यह योजना न सिर्फ पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मील का पत्थर साबित हो रही है, बल्कि आम जनता की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करने में सहायक है।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 की समयावधि और कार्यान्वयन प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि इस योजना का अधिकतम लाभ उठाया जा सके। EMPS 2024 योजना की शुरुआत जनवरी 2024 में होगी और यह दिसंबर 2024 तक चलेगी। इस दौरान नागरिकों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी और अन्य लाभ का पूर्ण उपयोग करने का अवसर मिलेगा।

योजना के कार्यान्वयन के लिए एक सटीक और नियोजित प्रक्रिया निर्धारित की गई है। सबसे पहले, नागरिकों को अपने लिए योग्य इलेक्ट्रिक व्हीकल चुनने की आवश्यकता होगी, जिन्हें सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया हो। इसके बाद, उन्हें अपने निकटतम डीलर से वाहन खरीदना होगा, जो कि इस योजना के तहत पंजीकृत हो।

प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए, सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया है। इसके लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल की स्थापना की गई है जहाँ आवेदन, ट्रैकिंग, और स्थिति की जांच आसानी से की जा सकती है। यह पोर्टल नागरिकों को उनके आवेदन की स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदान करेगा और पूरे प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा।

EMPS 2024 योजना के सही तरीके से कार्यान्वयन के लिए, सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें से एक प्रमुख कदम राज्य और स्थानीय सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करना है ताकि योजना के लाभ अविलंब और सही ढंग से प्राप्त किए जा सकें। इसके अतिरिक्त, शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं ताकि नागरिकों को इस स्कीम के बारे में पूर्ण जानकारी हो और वे इसका अधिकतम लाभ उठा सकें। इससे न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य भी पूरे होंगे।

लाभ लेने की प्रक्रिया

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (emps) का लाभ उठाने के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित बनाया गया है। सबसे पहले, लाभार्थी को संबंधित राजकीय पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के लिए एक सक्रिय ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है, जहां सुरक्षित ओटीपी भेजा जाएगा। ओटीपी सत्यापन के बाद, आवेदक को पहले क्वालीफाई करने वाले मानदंडों की जांच करनी चाहिए।

आवेदन भरने के दौरान आवेदकों को कुछ अनिवार्य दस्तावेज जमा करने होंगे। इनमें पहचान पत्र, निवास प्रमाण, अवकाश प्रमाण पत्र, और इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद रसीद शामिल हैं। पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी, या ड्राइविंग लाइसेंस मान्य होते हैं, जबकि निवास प्रमाण के लिए रेंटल एग्रीमेंट, बिजली बिल, या निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है। इन सभी दस्तावेजों के स्कैन किए गए प्रतियों को अपलोड करना होगा।

आवेदन जमा करने के बाद एक अद्वितीय आवेदन संख्या जारी की जाएगी। यह संख्या भविष्य में आवेदन की स्थिति की जांच करने के लिए उपयोगी होगी। इन सबके बाद, आवेदक को संबंधित विभाग में जाँच के लिए अपने दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। वहां अधिकारी समस्त दस्तावेजों की सत्यता की जांच करेंगे और आगे की प्रक्रिया सुनिश्चित करेंगे।

आवेदन स्वीकार होने के बाद, सब्सिडी की रकम लाभार्थी के दिए गए बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी। कई राज्यों में इस प्रक्रिया को और भी सरल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें एक साथ मिलकर कई जागरूकता अभियान चला रही हैं। इसके अलावा, स्थानीय शोरूम और डीलरों ने भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के तहत खरीदे गए वाहनों के लिए विशेष सहायता टीम बनाई है, जो ग्राहकों की सहायता करती है और उन्हें नीतियों और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देती है।

वाहन निर्माता कंपनियों के लिए अद्यतन निर्देश

वाहन निर्माता कंपनियों को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (इ.म.प.स.) 2024 के तहत नवीनतम दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री को प्रोत्साहित करना है। ताकि इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना (इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना) के लाभ अधिकतम तक पहुंच सकें।

इस नई योजना में वाहन निर्माताओं को कुछ विशेष शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा, उदाहरणतः:

  • सभी निर्माताओं को अपने वाहनों में उच्च गुणवत्ता के बैटरी सिस्टम का उपयोग करना होगा। बैटरी की लंबी उम्र और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मानदंड पालन करने होंगे।
  • भागीदार कंपनियों को गंभीरता से अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में निवेश करना होगा जिससे नई और प्रभावी तकनीकों का समावेश हो सके। आरएंडडी खर्च के लिए भी विशेष प्रोत्साहन एवं टैक्स बेनिफिट्स दिए जा सकते हैं।
  • कंपनियों को अपने वाहनों में इको-फ्रेंडली और ऊर्जा दक्ष तकनीकों का समावेश करना होगा जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम हो सके।
  • नए दिशा-निर्देशों के तहत, सभी निर्माताओं को अपनी उत्पादन सुविधाओं और उत्पादों का पर्यावरण अनुकूल सर्टिफिकेशन प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के अंतर्गत, वाहन निर्माता कंपनियों को विशेष सब्सिडी और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह सहायता निम्नलिखित रूपों में हो सकती है:

  • नवीन प्रौद्योगिकी को विकसित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में निवेश पर कर लाभ।
  • उत्पादन और बिक्री के बाद समर्थन मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक सब्सिडी।
  • बाजार में नवोन्वेषण और लाभकारी उत्पादों को लाने में सहायता के लिए वित्तीय प्रोत्साहन।
  • विशेषज्ञ कंपनियों के साथ सहयोग के लिए वित्त पोषण।

इन दिशा-निर्देशों और प्रोत्साहनों का पालन करके, वाहन निर्माता कंपनियां न केवल देश में इको-फ्रेंडली वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देंगी बल्कि अपने व्यापार को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा सकेंगी। EMPS 2024 का यह समग्र दृष्टिकोण, भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट में प्रमुख खिलाड़ी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS इ. मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम) भारत में परिवहन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण चिकित्सीय प्रयास है। इसके सफल कार्यान्वयन से देश के दीर्घकालिक पर्यावरणीय लक्ष्यों की प्राप्ति की संभावना बनती है। इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी योजना (इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना) के माध्यम से सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है कि वह परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने को तैयार है।

परिवहन और पर्यावरण में सुधार

योजना के इस प्रारंभिक चरण में ही कई सकारात्मक प्रभाव दृष्टिगत होने लगे हैं। जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग विकसित होगा, पारंपरिक वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी देखी जा सकेगी। यह योजना भारत के सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हवा की गुणवत्ता में सुधार और आयातित तेल पर निर्भरता में कमी भी इस दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

EMPS 2024 योजना के प्रभाव को भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के एक अवसर रूप में देखा जा रहा है। यह योजना नए निवेश और उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन साबित हो सकती है। न केवल वाहन निर्माताओं, बल्कि यह बैटरी निर्माण, सॉफ्टवेयर तकनीक, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य संबंधित क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ

भविष्य में इस योजना का विस्तार और सुधार भी संभव है। सरकार और उद्योग के संयुक्त प्रयास इसे नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकते हैं। नीति निर्माताओं को इस योजना के दीर्घकालिक सफल कार्यान्वयन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिसमें तकनीकी विकास, उपभोक्ता शिक्षा और वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हों। इस योजना की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच सहयोग की आवश्यकता होगी। आने वाले वर्षों में, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम एक सशक्त और स्थिर परिवहन प्रणाली के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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